इन गलतियों से आपका भी OMR शीट जाएगा Pending में, जानें OMR kaise check hota hai?

OMR kaise check hota hai

OMR Sheet kaise check hota hai : नमस्कार दोस्तों! यदि आप भी 10वीं 12वीं बोर्ड परीक्षा देने वाले हैं और आप भी OMR Sheet पर अपने ऑब्जेक्टिव को बनाने वाले हैं तो आज का य़ह का लेख आपके लिए काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि आज की इस लेख में आपको यह बताया जाएगा कि आपको किस तरह से OMR Sheet भरना होगा जिससे आपका OMR Sheet pending या Reject नहीं होगा,

क्योंकि आपको बता दें की काफी दिनों से परीक्षा होने के बाद बहुत सारे स्टूडेंट का OMR Sheet pending में चला जाता है या फिर Reject हो जाता है. आखिर क्या कारण हो सकती है? इसके बारे में इस लेख में बात करेंगे तो आप इस OMR kaise check hota hai? का लेख अंत तक अवश्य पढ़े ताकि आप यह जान पाएंगे कि किन कारणों की वजह से OMR Sheet pending में जाती है या फिर Reject हो जाती है.

बहुत सारे छात्राओं के मन में यह भी स्वर उठ रहा होगा कि OMR kaise check hota hai?? ओएमआर शीट को कैसे चेक किया जाता है? ओएमआर शीट को चेक करने की प्रक्रिया में किन गलतियों की वजह से ओएमआर शीट रिजेक्ट हो जाता है? किन तीन गलतियों की वजह से मशीन ओएमआर शीट को एक्सेप्ट नहीं कर पाती हैं? जिसका नंबर छात्रों को नहीं मिल पाता है ऐसे ही बहुत सारी बातें आज के इस लेख में करने वाले हैं.

इस लेख में सबसे महत्त्वपूर्ण चीज जो हैं वह है कि अगर किसी स्टूडेंट के ओएमआर शीट में इस तरह की गलतियां पाई जाती हैं तो उसका उपाय क्या अपनाया जाता है? ऐसे छात्रों को ओएमआर सीट का नंबर देने के लिए किस तरह के तरीके अपनाए जाते हैं. यह भी मैं आपको बताने वाला हूं तो आप इस लेख को अंत तक पूरा जरूर पढ़े ताकि आपको पूरी जानकारी मिल पाए.

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देखिए आजकल बहुत सारे एग्जाम्स होते हैं चाहे वो किसी राज्य की बोर्ड परीक्षा हो या कोई कंपटीशन एग्जाम हो ओएमआर शीट का प्रयोग काफी ज्यादा बढ़ गया है. इस ओएमआर शीट का प्रयोग ज्यादा करने के पीछे भी वजह यह है कि इसकी मदद से छात्रों का प्राप्तांक यानी उन्होंने कितना नंबर प्राप्त किया कितने मार्क्स उनके आए यह चेक करना रिजल्ट बनाना बड़ा आसान भी हो जाता है और बहुत तेज भी हो जाता है यानी बहुत जल्द रिजल्ट बनाने में आसानी हो जाती है,

लेकिन इस एग्जाम के दौरान बहुत सारे छात्र अपने ओएमआर शीट में कई तरह की गलतियां भी करते हैं तो कहीं ना कहीं एग्जाम के बाद छात्रों के मन में यह भी डर बना रहता है कि कहीं हमारा ओएमआर शीट रिजेक्ट ना हो जाए? कहीं ऐसा ना हो कि हमारे ओएमआर शीट का नंबर ही ना मिले? कहीं ऐसा ना हो कि हमारा ओएमआर शीट चेक ही ना हो पाए? तो ये सारी बातें भी आपको इस लेख को पढ़ने के बाद क्लियर होने जाएगी.

OMR Sheet Full Form और कुछ जानकारी?

देखिए ओएमआर का फुल फॉर्म होता है- ऑप्टिकल मार्क रीडर (Optical mark ridar) आप अपने एग्जाम में जो ओएमआर शीट भर करके उस पर आंसर देकर जमा करते हैं तो उस ओएमआर शीट को एक मशीन के द्वारा चेक किया जाता है और उस मशीन का नाम है OMR और आप जो सीट यानी जो पेपर यूज़ करते हैं उसका नाम है OMR Sheet ,

जानें OMR मशीन काम किस तरह करता हैं?

आपको बता दे कि यह जो ऑप्टिकल मार्क रीडर (OMR) नाम की मशीन होती है यह जुड़ी होती है एक कंप्यूटर से या फिर एक लैपटॉप से और इसमें एक तरफ ढेर सारे OMR Sheet चेक करने के लिए रखे जाते हैं. यह मशीन एक-एक करके ओएमआर शीट को खींचती है उस ओएमआर शीट में जो निशान लगाए गए हैं यानी जो आपने अपने एग्जाम के दौरान आंसर देने के लिए आपने जिन Circles 🔴 को गोल किया वह Scan होता है और सही Answer जो दी गई होती है उससे मिलन होती है जिससे सही और गलत चेक होता है.

एक तरफ के ट्रे से एक एक OMR Sheet को फटाफट खींचती चली जा रही है और यह चेक होके दूसरे तरफ के ट्रे में जमा होता चला जा रहा है और जितना फास्ट यह मशीन इस ओएमआर शीट को खींच रही है, चेक कर रही है, ऑटोमेटिक उन सारे स्टूडेंट्स के नंबर, उनका मार्क्स, उनके डिटेल, उनके नाम के साथ सब कुछ कंप्यूटर में एंट्री होता चला जा रहा है तो,

ओएमआर शीट को चेक करने के दौरान अगर किसी छात्र ने किसी एक क्वेश्चन में दो गोल को भरें है उसे Computer गलत मानती है उसका नंबर बच्चों को नहीं मिल पाता है या फिर आपने ऐसा किया कि एक गोलक को पूरा गोल किया दूसरे में निशान लगा दिया या फिर आधा अधूरा गोल कर दिया तो उस क्वेश्चन को भी इनवैलिड माना जाता है.

उसका भी नंबर आपको नहीं मिलता लेकिन यहां पर यह भी ध्यान रखिए कि ऐसा करने पर पूरा का पूरा ओएमआर शीट रिजेक्ट नहीं होता है बस नुकसान यह होता है कि जिस एक क्वेश्चन के आंसर में आपने यह गलती की है बस उस क्वेश्चन का आंसर आपको गलत मान करके केवल उसका नंबर नहीं मिलेगा नुकसान होगा तो केवल उस एक क्वेश्चन का नंबर नहीं मिलेगा इससे पूरे के पूरे ओएमआर शीट को कभी भी रिजेक्ट नहीं किया जाता है.

Example के लिए अगर आपने क्वेश्चन नंबर 5 में ऑप्शन A को भी गोल कर दिया और ऑप्शन B को भी गोल कर दिया तो ऐसे करने से आपको केवल क्वेश्चन नंबर 5 का नंबर नहीं मिलेगा, ऐसा नहीं कि बाकी और क्वेश्चन चेक नहीं होंगे. बाकी क्वेश्चन चेक भी होंगे जितना सही होगा उतना नंबर भी मिलेगा.

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कुछ गलतियां जिसकी वजह से OMR Sheet Reject हो जाती है?

1. अब वो पहली गलती जिसकी वजह से ओएमआर शीट या तो रिजेक्ट होता है या फिर चेक नहीं हो पाता है देखिए इस ओएमआर शीट को कोई आदमी चेक नहीं करता बल्कि एक मशीन चेक करती है इसलिए इस ओएमआर शीट के इंस्ट्रक्शन में यह क्लियर लिखा रहता है कि भाई इस ओएमआर शीट को ना तो मोड़ना है और ना ही इस पर कोई निशान लगाना है, ना ही इसे गंदा करना है क्योंकि ऐसा करने पर मशीन ओएमआर सीट को रिजेक्ट कर देती है और उसे चेक कर पाना मुश्किल हो जाता है.

2. दूसरी गलती OMR Sheet में नाखून लगाना, ब्लेड लगाना, वाइटनर लगाना, इरेजर लगाना, यह सब बिल्कुल मना होता है. अगर कोई स्टूडेंट अपने OMR Sheet में वाइटनर, ब्लेड, इरेजर, नाखून का इस्तेमाल करता है तो उस कंडीशन में भी ओएमआर शीट को मशीन चेक नहीं कर पाती ऐसी स्थिति में छात्र का ओएमआर शीट चेक नहीं हो पाता और उसे ओएमआर शीट में जो नंबर मिलना चाहिए वो नंबर उसे नहीं मिल पाता है.

3. तीसरी गलती OMR में रोल नंबर, क्वेश्चन नंबर या फिर सेट कोड या फिर क्वेश्चन पेपर मार्क या फिर अन्य कोई और डिटेल जो आपको भरना जरूरी है वो ना भरना जैसे अगर कोई छात्र अपने OMR Sheet में आवश्यक डिटेल नहीं भरता जैसे अपना क्वेश्चन नंबर भरना हो क्वेश्चन पेपर सीरीज भरना हो या फिर सेट कोड भरना हो क्वेश्चन पेपर का मार्का भरना हो इस तरह के डिटेल भरना अगर किसी एग्जाम में जरूरी है.

और अगर वह डिटेल आप ना भरते हैं तो उस कंडीशन में भी ओएमआर सीट रिजेक्ट हो जाता है क्योंकि उसको चेक कर पाना मुश्किल हो जाता है हालांकि इस तरह की गलतियों के लिए अलग अलग बोर्ड ने अपनी अलग-अलग व्यवस्थाएं करके रखी हैं और इस तरह के मामलों में अधिकतर बोर्ड में अब ओएमआर शीट को रिजेक्ट होने से बचा लिया जाता है उसको चेक करके बच्चों को उसका नंबर दे दिया जाता है.

यह तो हो गई तीन तरह की गलतियां जिससे ओएमआर शीट चेक नहीं हो पाता मशीन उसको रिजेक्ट कर देती है लेकिन सवाल ये उठता है कि अगर यह गलतियां सामने आती हैं तो उस कंडीशन में सब कुछ डिपेंड करता है उस आदमी पर जो OMR Sheet को चेक करने के लिए मशीन पर बैठा हुआ है,

अगर उसने किसी रिजेक्ट किए हुए OMR Sheet को दोबारा मशीन में लगा कर के चेक करने का प्रयास किया तो ऐसे केस में बच्चे का ओएमआर शीट एक बार दो बार तीन बार ट्राई करने पर चेक हो जाता है या फिर ऐसा भी होता है कि किसी-किसी केस में बच्चों के ओएमआर शीट को मैनुअली भी चेक कर लिया जाता है लेकिन मैनुअली चेक करने वाला मामला बहुत कम होता है.

हां ये डिपेंड करता है उस आदमी पर कि वह आपके ओएमआर शीट को एक बार दो बार तीन बार चार बार डाल कर के ट्राई करें कि यह मशीन ओएमआर शीट को एक्सेप्ट कर ले उसको चेक कर ले तो कुछ बोर्ड एग्जाम में इस तरह की व्यवस्थाएं भी अपनाई जाती हैं कि अगर किसी बच्चे ने सेट कोड ना लिखा या फिर प्रश्न पत्र मार्का ना लिखा, सीरीज ना लिखा, रोल नंबर ना लिखा या फिर अपने क्वेश्चन नंबर ना लिखा तो ऐसे बच्चों के लिए अलग से एक ऑप्शनल व्यवस्था करके रखी जाती है.

जहां से उसका डिटेल ले लिया जाए और उसका ओएमआर शीट चेक करके उसका नंबर दे दिया जाए तो याद रखिए कि कई तरह की व्यवस्थाएं ऐसी अपनाई जाती हैं जिनसे छात्रों का ओएमआर शीट रिजेक्ट होने से बचा लिया जाता है और उसका मार्क्स दे दिया जाता है.

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इस आलेख का महत्पूर्ण सर

दोस्तों में आशा करता हूं आपको इस लेख (OMR kaise check hota hai?) को पढ़ने के बाद यह समझ में आ गई होगी कि हमें बोर्ड परीक्षा में ओएमआर शीट को कैसे भरना चाहिए जिससे हमें किसी प्रकार की समस्या ना आ सके और यदि किसी प्रकार की समस्या आती है तो आपको इसके बारे में भी वहां पर बता दिया गया तो,आर्टिकल के अंत में मैं या आशा करता हूं कि आपको आज का यह लेख काफी अच्छा लगा होगा तो आप इस लेखक को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें.

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